ट्रेनों में होंगे हवाई जहाज़ जैसे बॉयो-टॉयलेट

दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेल के बदबूदार और ढंग से काम नहीं करने वाले शौचालय जल्द ही बीते जमाने की बात हो जाएगी भारतीय रेल अब अपने बायो-टॉयलेट को आयातित बायो-वैक्यूम टॉयलेट में अपग्रेड कर रहा है यह टॉयलेट वैसा ही है, जैसा हवाई जहाजों में होता है एक अधिकारी ने यह जानकारी दी और कहा कि शुरू में राजधानी और शताब्दी जैसी महत्वपूर्ण रेलगाड़ियों के 100 डिब्बों में यह टॉयलेट लगाए जाएंगे इसके लगाने की प्रक्रिया अगले साल जनवरी से शुरू होगी उन्होंने बताया, “ये बॉयो-वैक्यूम टॉयलेट बदबू रहित होंगे और इससे पानी का इस्तेमाल 20 गुणा तक कम हो जाएगा

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यात्रियों द्वारा लगातार टॉयलेट के जाम होने की शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए रेलवे ने वर्तमान बॉयो-टॉयलेट को अपग्रेड करने की पहल की है वर्तमान में रेल डिब्बों में लगे बॉयो-टॉयलेट के प्लास्टिक बोतल, कागज व अन्य चीजें फेंकने से जाम होने की शिकायतें मिल रही हैं

अधिकारी ने यह भी कहा कि चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में बॉयो-वैक्यूम टॉयलेट लगाकर 100 डिब्बे बनाए जाएंगे, जिन्हें राजधानी और शताब्दी जैसे प्रीमियम ट्रेनों के साथ जोड़ा जाएगा उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के टॉयलेट के जाम होने की संभावना भी कम होगी

बॉयो-टॉयलेट में हर फ्लश के लिए 15 लीटर पानी की जरूरत होती है, और यह पानी पॉट से मल को हटाने के लिए अधिक दबाव नहीं बना पाता है, इसके कारण बदबू आती है और कई बार पॉट भी जाम हो जाता है बॉयो-वैक्यूम टॉयलेट को केवल आधा लीटर पानी की जरूरत होगी और सारा मल वैक्यूम के द्वारा खींच लिया जाएगा

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